पूज्य पुंज पुण्यशीलाजी महासतियों का थांदला नगर में मंगल प्रवेश

*मंगल प्रवेश व प्रवचन -*
पूज्य पुंज पुण्यशीलाजी महासतियों का थांदला नगर में मंगल प्रवेश
अपने पर दया करों सबकी दया हो जाएगी – पुण्यशीलाजी
थांदला। जिन शासन गौरव जैनाचार्य पूज्य श्री उमेशमुनिजी म.सा. “अणु” की कृपा पात्र व पूज्य श्री धर्मदास गण नायक बुद्धपुत्र प्रवर्तक देव पूज्य श्री जिनेन्द्रमुनिजी म.सा. की आज्ञानुवर्ती पूज्य पुंज पुण्यशीलाजी म.सा. सहित महासतियों का मेघनगर के अगराल से उग्र पैदल विहार करते हुए थांदला नगर में मंगल प्रवेश हुआ। गुराणी पूज्याश्री पुण्यशीलाजी म.सा. की सुशिष्या सरलमना निखिलशीलाजी म.सा. आदि ठाणा संग थांदला श्रीसंघ ने उनकी भव्य अगवानी की। इस अवसर पर आयोजित धर्मसभा में पुण्यशीलाजी म.सा. ने धर्म सभा को सम्बोधित करते हुए पूछा कि आप सबको किस पर दया आती है …? दया का मर्म समझाते हुए पूज्याश्री ने कहा कि वस्तुतः जीव दूसरों का दुःख देखकर दुखी होता है दूसरों की दयनीय हालत पर व्यथित हो जाता है लेकिन उसे खुद पर दया नही आती … क्या दूसरे दुःखी व आप सुखी हो गए ..? नही जब तक जीव अपने आप पर दया नही करेगा वह दूसरों पर भी दया नही कर सकता। पूज्याश्री ने कहा कि जीव ने अनादि से पर दया के भ्रम में अपनी आत्मा को दुःखी किया है उसे भब भ्रमण करवाया है उससे दयनीय और कोई नही हो सकता इसलिए उसे अपने आप पर दया आनी चाहिए। जब वह इस विषय की गहराई से समझ जाता है तब उसमें भव से छूटने की प्यास जगती है और फिर वह स्व दया के साथ पर के लिए भी दयावान बन जाता है। इस अवसर पर पूज्या श्री सद्गुणाश्रिजी ने भी धर्म बंधुओं से सवाल किया कि आपको झुकना पसंद है या झुकना ..? पूज्याश्री ने कहा कि अध्यात्म में प्रायः झुकने की बात आती है और आप भी यही कह रहे हो की देव-गुरु-धर्म रूपी तत्व के समक्ष झुकना चाहिए। एक अपेक्षा से बात सही है, लेकिन भगवान महावीर स्वामी ने आचारांग सूत्र में कहा है कि जिसने एक को झुका लिया उसने सबको झुका लिया फिर उसके लिए तत्व के प्रति श्रद्धा भी हो जाती है वह है कर्मों का राजा मोह। पूज्याश्री ने कहा कि जीव के लिए अजीव तत्व पर इतना प्रगाढ़ मोह रहता है कि वह इसे ही सब कुछ मान लेता है जिससे उसके पाप बंध रुकते ही नही है लेकिन यदि वह जीव को चेतन व अजीव को जड़ मान कर आत्मा के निज उपयोग गुण को जान जाएगा व उसके ज्ञान चक्षु भी खुल जाएंगे जिससे उसके शेष सभी कर्म भी जल्द नष्ट हो जाएंगे। पूज्या श्री प्रनिधिश्रीजी ने प्रासंगिक स्तवनों के माध्यम से जिनवाणी की रुचि बनाये रखी। धर्मसभा का संचालन करते हुए संघ सचिव प्रदीप गादिया ने धर्मसभा से कहा कि पूज्याश्री पुण्यशीलाजी म.सा. आदि ठाणा अल्प कल्प के लिए थांदला पधारें है इसलिए नित्य प्रवचन, प्रतिक्रमण व धर्म चर्चा का लाभ ले। थांदला में चल रहे वर्षीतप आराधकों के पारणें का लाभ चौरड़िया परिवार ने लिया। उक्त जानकारी संघ प्रवक्ता पवन नाहर ने दी।

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