5 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदेश शासकीय-स्वशासी डॉक्टरों का आंदोलन शुरू
काली पट्टी बांध कर काम करते दिखे डॉक्टर्स
थांदला। म.प्र. शासकीय-स्वशासी महासंघ के बैनर तले आज प्रदेशभर के डॉक्टरों ने काली पट्टी बांधकर काम किया जिसका असर थांदला सिविल अस्पताल से लेकर ग्रामीण अंचल के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भी देखने को मिला।
जानकारी देते हुए सिनीयर डॉक्टर मनीष दुबे, कमलेश परस्ते, प्रदीप भारती ने बताया कि दुनिया डॉक्टरों को भगवान का दूत मानकर उनका सम्मान करती है वही डॉक्टर्स अपनी सेवाओं से रोग ग्रस्त मरीजों का उपचार कर उन्हें आरोग्य बनाते है ऐसे में उनकी तरफ शासन प्रशासन को ध्यान देकर उनकी जायज मांगों को स्वीकार करना चाहिए। उन्होंनें बताया कि चिकित्सकों के मूलभूत विषयों के समयबद्ध निराकरण, नीतिगत विषयों के निर्धारण में चिकित्सक महासंघ के पदाधिकारी और विभाग को सम्मिलित कर उच्च स्तरीय समिति का गठन, चिकित्सा महाविद्यालय के शिक्षकों को सातवें वेतनमान का वास्तविक लाभ और मूल वेतन का निर्धारण, चिकित्सकों को स्वीकृत समयमान/चयन वेतनमान के आदेश का लाभ दिए जाने, लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा में अनावश्यक प्रशासनिक दखलअंदाजी को समाप्त करने, नेशनल टास्क फोर्स की सिफारिश को क्रियान्वित करने जैसी मूलभूत पांच सूत्रीय मांगों को लेकर आज से म.प्र. शासकीय-स्वशासी चिकित्सक महासंघ व सहयोगी घटक दलों के हजारों डॉक्टर्स ने आज व कल काली पट्टी बांध कर अपनी मांग शासन के पास पहुँचाएंगें। आगे इसी क्रम में 22 फरवरी को आधे घंटे कार्यस्थल के बाहर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा व चिन्हित अस्पतालों पर अमानक दवाइयों की सांकेतिक होली जलाई जाएगी। 24 फरवरी को प्रदेश व्यापी सामूहिक अनशन (भूख हड़ताल) कर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। 25 फरवरी से प्रदेशव्यापी प्रशासनिक असहयोग आंदोलन किया जाएगा जो मांगें पूरी नही होने तक जारी रहेगा। आज काली पट्टी बांधकर काम करते हुए विरोध दर्शाने में सीनियर डॉक्टर्स के अलावा डॉ. चंचल पिपलाज, डॉ श्रीकृष्ण सौलंकी, डॉ दिव्यानी सोनी, डॉ तपस्या सोनगरिया, डॉ शकुंतला राणा आदि उपस्थित थे।

प्रधान संपादक
पत्रकार – 30 वर्षों से निरंतर सक्रिय होकर – नेशनल न्यूज के मैनेजिंग डायरेक्टर, सोशल मीडिया फाउण्डेशन के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी है। आप वर्तमान समय में प्रदेश की सकारात्मक पत्रकारिता करते हुए शासन प्रशासन के तीखे आलोचक बनकर जनता की मूलभूत समस्याओं को प्राथमिकता से उठाते हुए उसका निराकारण करवाने के लिए प्रतिबद्ध है। जीवदया अभियान के राष्ट्रीय संयोजक होकर समाजसेवा में रुचि रखते है।