जिन शासन स्थापना दिवस पर श्रद्धा, सेवा और संकल्प का संगम

 जिन शासन स्थापना दिवस पर श्रद्धा, सेवा और संकल्प का संगम

श्री श्वेतांबर जैन वरिष्ठ महासंघ द्वारा जिन शासन स्थापना दिवस मनाया गया प्रवर्तिनी डॉ. चंदना म.सा. एवं राज श्रीजी म.सा. के जन्मदिवस पर शतायु संयमित जीवन की कामना

जावरा (राजकुमार हरण)। आज से लगभग 2600 वर्ष पूर्व वैशाख शुक्ल दशमी के दिन 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी को केवलज्ञान की प्राप्ति हुई थी। जैसे ही केवलज्ञान प्रकट हुआ, देवताओं ने समवशरण की रचना की। हालांकि किसी कारणवश प्रभु महावीर ने उस दिन मात्र एक मुहूर्त प्रवचन दिया और अगले दिन पावापुरी पधारे। वहां पुनः समवशरण की रचना हुई, जिसमें प्रभु ने मनुष्य, देव, पशु-पक्षियों सहित सभी को सर्वविरति और देशविरति धर्म का उपदेश दिया और जिन शासन की स्थापना की, जिसे चतुर्विध संघ के रूप में जाना जाता है। यही कारण है कि यह दिन जैन शासन में ‘जिन शासन स्थापना दिवस’ के रूप में विख्यात है।

यह प्रेरणादायी जानकारी श्री श्वेतांबर जैन वरिष्ठ महासंघ के अध्यक्ष अभय सुराणा ने जीव दया सोसायटी परिसर में आयोजित ध्वज वंदन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए दी। उन्होंने बताया कि आज ही के दिन भगवान महावीर के प्रथम गणधर गौतम स्वामी सहित 11 गणधरों एवं 4400 शिष्यों ने दीक्षा ली थी।

इस पावन अवसर को और भी विशेष बनाते हुए सुराणा ने कहा कि आज श्रमण संघ की प्रवर्तिनी डॉ. चंदना म.सा. एवं मालव चंद्रिका राज श्रीजी म.सा. का जन्मदिवस भी है। सभी उपस्थित जनों ने उनके दीर्घायु संयममय, स्वस्थ जीवन की कामना की।

कार्यक्रम में जैन धर्मध्वजा का आरोहण कर भगवान महावीर के सिद्धांतों को जीवन में अपनाने का संकल्प लिया गया। सभी ने ‘जैनम् जयति शासनम्’ के जयकारों के साथ शासन के प्रति समर्पण की भावना व्यक्त की। इस दौरान गौसेवा के अंतर्गत गायों को हरा चारा भी खिलाया गया।

कार्यक्रम का संचालन प्रदीप सेठिया ने किया तथा आभार प्रदर्शन पुखराज पटवा द्वारा किया गया।

इस अवसर पर प्रमुख रूप से उपस्थित रहे: अभय सुराणा, नगिन सकलेचा, बसंतीलाल चपड़ोद, पुखराज पटवा, राजकुमार हरण, प्रकाश श्री श्रीमाल, अशोक धोका, शेखर नाहर, प्रदीप सेठिया, संजय सुराणा, ऋषभ छाजेड़, मास्टर आरुष पटवा, दक्ष धोका, अंयास जैन आदि।

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