जहां करुणा होती है, वहां परमात्मा का वास होता है – अभय सुराणा श्वेतांबर जैन महासंघ द्वारा करुणा दिवस पर गोमाता की सेवा की

जहां करुणा होती है, वहां परमात्मा का वास होता है – अभय सुराणा

श्वेतांबर जैन महासंघ द्वारा करुणा दिवस पर गोमाता की सेवा की

    जावरा (राजकुमार हरण)  श्री श्वेतांबर जैन वरिष्ठ महासंघ, जावरा द्वारा करुणा दिवस के अवसर पर जीव दया सोसायटी परिसर में गौमाताओं को गुड़, गोग्रास एवं हरी सब्जियों का आहार कराया गया। इस आयोजन के माध्यम से दया और करुणा की भावना को आत्मसात किया गया। इस अवसर पर महासंघ अध्यक्ष अभय सुराणा ने कहा कि “जैन समाज ‘जियो और जीने दो’ की भावना के साथ निर्दोष अबोले प्राणियों की आत्मशांति हेतु सेवा और तप-त्याग के कार्य करता है। जहां करुणा होती है, वहां परमात्मा का वास होता है।” उन्होंने कहा कि जो प्राणी न तो अपना दर्द कह सकते हैं और न ही अपनी रक्षा कर सकते हैं, उनके प्रति करुणा प्रकट करना मानवीय संवेदना का प्रतीक है।

   कार्यक्रम की शुरुआत नवकार महामंत्र के उच्चारण तथा “ॐ शांति, जिनेश्वर शांति करो, सभी जीवों को सुखी करो” के जाप से हुई। इसके पश्चात गौमाताओं को गुड़, गोग्रास और हरी सब्जियों का आहार दिया गया। इस सेवा कार्य के लाभार्थी प्रकाशचंद्र संघवी एवं संकल्प संघवी रहे। कार्यक्रम का संचालन राजकुमार हरण ने किया, जबकि आभार प्रदर्शन प्रकल्प संयोजक हेमंत जैन द्वारा किया गया।

इस अवसर पर प्रमुख रूप से उपस्थित रहे: नेमीचंद जैन, प्रकाशचंद्र संघवी, राजकुमार हरण, शांतिलाल डांगी, शेखर नाहर, राजेंद्र कोचर, प्रकाशचंद्र पामेचा, रमणीक जैन, हेमंत जैन, अभय सुराणा, अनिल चोपड़ा, विनोद चपडोद, ऋषभ छाजेड़, अशोक डूंगरवाल, जयंतीलाल ओस्तवाल आदि।

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