टिकट तो तय है बस बगावत से भय है – हर वार्ड के समीकरण है रोचक

टिकट तो तय है बस बगावत से भय है – हर वार्ड के समीकरण है रोचक
पवन नाहर थांदला।
मुंगेरीलाल वार्ड परिक्रमा कर रहा था तब उनके जहन में एक खयाल आया कि छोटा सा जिला चलाने के लिए आईएएस व आईपीएस की तैयारी करनी पड़ती है लाखों साक्षात्कारों के बीच होकर गुजरना पड़ता है लेकिन देश चलाने के लिए ऐसी कोई डिग्री की आवश्यकता नही है यह काम तो एक अनपढ़ भी खूब कर रहा है। फ्री राशन पानी देने वालें फ्री शिक्षा नही दे सकते क्योंकि शिक्षा तो सवाल करेगी ही ….
बस इसी बात के साथ वह यह सोचता रहा कि जब एक गधा भी 30 हजार से कम में नही आता तो फिर इंसान अपनी कीमत उससे भी कम क्यों लगाता है…? और जो कीमत लगाता है उसे ही सबक क्यों नही सिखाता है….?
नगर परिषद चुनाव के लिए 12 सितंबर अंतिम तिथि होने के बावजूद अभी तक दोनों ही पार्टी ने एक भी नाम पर मोहर नही लगाई है इसका मतलब साफ है कि वे जीत के लिए पूरी तरह आश्वस्त दिखाई देना चाहते है ऐसे में वे पार्टी के जमीनी कार्यकर्ताओं को दरकिनार करने से भी कोई गुरेज नही करेंगे।
सूत्रों की माने तो दोनों ही प्रमुख दलों ने अपने प्रत्याशियों के नाम तय कर रखे है बस लेकिन बताने से उन्हें अपने ही पार्टी के अन्य दावेदारों की बगावत का भय नजर आ रहा है। बगावत होना भी लाजमी है जब पार्टी अपने ही बागियों को बड़े बड़े पदों से उपकृत करने लगेगी तो फिर पार्टी की रीति-नीति को दरकिनार कर हर कार्यकर्ता अपनी जोर आजमाइश के लिए तैयार रहेगा।
वार्ड क्रमांक 1 से लेकर 15 ही में पेंच फंसे हुए है वह भी पार्षद पद के लिए यह कमाल की बात है। वार्ड 1, 3 व 14 से भावी अध्यक्ष आना है ऐसे में यह वार्ड और भी खास हो जाते है लेकिन इस पर भी पार्टी के पदाधिकारी अपनी नजरें गढ़ाए बैठे है। भाजपा वर्तमान नगर परिषद अध्यक्ष बंटी डामोर वार्ड क्रमांक 1 व 3 दोनों से अपनी माताजी के नाम दावेदारी रख चुके है जबकि अभी उनके भी टिकट के लाले पड़े हुए है वही अजजा के प्रदेशाध्यक्ष व पूर्व विधायक के सुपुत्र संजय भाभर की पत्नी वार्ड तीन से जोर आजमाइश कर रहे है जो उनके लिए पक्का माना जा रहा है। पार्टी उन्हें भावी अध्यक्ष के रूप में देख रही है यह बात और है कि वहाँ की जनता वार्ड आरक्षण नीति पर अपनी आपत्ति दर्ज कराकर इनका विरोध दर्ज करा चुकी है लेकिन फिर भी नेताओं के आगे जनता नतमस्तक हो जाती है। वार्ड क्रमांक 5 में कांग्रेस के मनीष बघेल के नाम के आने से मामला एक बार पुनः बदल गया है। भाजपा के वार्ड क्रमांक 7 में दिगम्बर जैन समाज से ही दो नाम आमने सामने आ गए है ऐसे में दोनों ही अपना दम दिखा रहे है। मामला तो अन्य वार्डों में भी रोचक बना हुआ है जिसमें वार्ड 12 भी सुर्खियों में आ गया है। वार्ड क्रमांक 2 से भाजपा से अरविंद रुनवाल व कांग्रेस से चिराग घोड़ावत का नाम सबसे आगे है लेकिन अभी भी यहाँ अन्य दावेदारों ने हार नही मानी है तो भाजपा से तुषार भट्ट (वकील साहब), प्रांजल भंसाली, प्रतीक पावेचा के साथ सुरेश राठौड़ भी टिकट पाने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रहे है, लेकिन पार्टी इनका इस्तेमाल करना बखूबी जानती है इसलिए टिकट तो यहाँ भी कन्फर्म ही है।
बस एक दिन का इंतज़ार सारा मामला साफ हो जाएगा लेकिन एक बात तय है पार्टी के पास पार्षद के नाम व उनके बी फार्म तैयार है और वह अपने प्रमुख उम्मीदवार को कह भी चुकी है बस बगावत का भय से अन्य उम्मीदवारों को सम्भलने का मौका तक देना नही चाहेगी।
मुंगेरीलाल तो हसीन सपनें के लिए मशहूर है लेकिन सपनों की दुनिया में खोये कार्यकर्ताओं के पार्षदी अरमानों को क्या जनता समर्थन दे पाएगी ….

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