झाबुआ में अध्यक्ष – उपाध्यक्ष के लिए राह कठिन भाजपा में गुटबाजी के चलते कांग्रेस के लिए अवसर

झाबुआ में अध्यक्ष – उपाध्यक्ष के लिए राह कठिन भाजपा में गुटबाजी के चलते कांग्रेस के लिए अवसर
पीएन वॉइस झाबुआ (पवन नाहर) – 9424567444
झाबुआ। जिला मुख्यालय झाबुआ जहाँ पिछली नगर पालिका कांग्रेस के हाथों में थी इस बार बदलती दिखाई दे रही है, लेकिन भाजपा के तीन भागों में विभाजित होने का फायदा उसे होता नजर आ रहा है।
झाबुआ के 18 वार्डो में 9 वार्ड भाजपा के खाते मे आये है जबकि 7 वार्ड कांग्रेस व 2 वार्ड निर्दलीय ने जीते है यानी यहाँ स्पष्ट बहुमत किसी को नही है ऐसे में कौन अध्यक्ष बनेगा यह तय कर पाना मुश्किल नजर आ रहा है जिसका मुख्य कारण भाजपा में एक से अधिक अध्यक्ष पद के दावेदार है वही हाल उपाध्यक्ष को लेकर भी है।
पर्वत मकवाना को अध्यक्ष बनाने के लिए पुर्व जिला महामंत्री एवं जिला थोक भंडार के पूर्व अध्यक्ष जोर लगा रहे है वही बंसती बारिया जो पूर्व नपा अध्यक्ष धनसिंह बारिया की पत्नी है उनके लिये शेलेष दुबे, पूर्व जिलाध्यक्ष जिला उपाध्यक्ष प्रवीण सुराना ओर पूर्व नगर अध्यक्ष बबलु सकलेचा पूरी ताकत से लगे हुए है। वही लक्ष्मणसिंह नायक, जिला उपाध्यक्ष भानु भूरिया व चुन्नू शर्मा नवागत पार्षद कविता सिंगार को अध्यक्ष बनाने की कवायद में लगे हुए है। तीन महाशक्तियों में बंटा भाजपा का खेमा हर हाल में बगावत करके भी मेरा नही तो तेरा नही की तर्ज पर अध्यक्ष बनाने के लिए बागी मैदान में डटे रहे सकते है। यदि ऐसा होता है तो गिद्ध दृष्टि से कांग्रेस इसका फायदा उठाने पूरी ताक में बैठी है। अब देखना है कि 9 पार्षदों के साथ बड़े दल के रूप में भाजपा का शीर्ष नेतृत्व भाजपा में आपसी तालमेल बिठा पाता है या यहाँ भी भाजपा को बगावत का सामना करना पड़ सकता है।

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