फाइल फोटो - तरुण जैन / अनिल भाना

राजनीतिक रसूख के चलते झाबुआ कलेक्टर को रद्द करना पड़ा आदेश – युवा एसडीएम तरूण जैन को हटाकर एसडीएम अनिल भाना को दिया फिर चार्ज

राजनीतिक रसूख के चलते झाबुआ कलेक्टर को रद्द करना पड़ा आदेश – युवा एसडीएम तरूण जैन को हटाकर एसडीएम अनिल भाना को दिया फिर चार्ज
थांदला। शासकीय जमीनों में हेराफेरी के आरोपों में हटाए गए विवादास्पद झाबुआ एसडीएम अनिल भाना की एक दिन बाद ही वापसी हो गई है। अनिल भाना के जाने के बाद थांदला में डिप्टी कलेक्टर तरूण जैन को जिम्मेदारी दी गई थी। इस आदेश को जारी हुए एक ही दिन हुआ था और झाबुआ कलेक्टर ने अपना आदेश वापस लेते हुए पुनः अनिल भाना को थांदला एसडीएम का आदेश जारी कर दिया है। इसके पीछे थांदला के भूमाफियाओं व कुछ नेताओं का हाथ बताया जा रहा है जिससे यह स्पष्ट हो जाता है कि प्रशासनिक सेवाओं पर राजनीति किस तरह हावी है। आपको बता दे कि लगातार शिकायतों के कारण एसडीएम भाना को 21 नवम्बर 2022 को स्थानांतरित करते हुए उनके स्थान पर डिप्टी कलेक्टर तरूण जैन को थांदला एसडीएम का पदभार सौंपा गया था। भाना को हटाने के बाद राजनीतिक हलचलें तेज हो गई और सभी अनिल भाना को बचाने की जुगत में लग गए। इसका परिणाम यह हुआ कि एक दिन के बाद ही 23 नवम्बर 2022 को झाबुआ कलेक्टर को अपना आदेश रद्द करना पड़ा। कलेक्टर ने अपने नवीन आदेश में राज्य निर्वाचन आयोग के पुनरीक्षण कार्यक्रम का हवाला दिया गया है लेकिन सूत्रों की माने तो राजनीतिक नेताओं व भूमाफियाओं से उनके संलिप्त होने की खबरों के कारण उन्हें यहाँ से हटाया गया था जो राज खुलने के डर से इन तथाकथित नेताओं व माफियाओं ने उनकी वापसी करवाई है। जिला कलेक्टर के एक दिन में ही आदेश बदलने पर उनकी कार्य व निर्णय क्षमता पर भी सवालिया निशान लग रहे है।
बड़ा सवाल यह है कि आखिर ऐसी क्या वजह रही कि अनिल भाना को एक दिन के लिए हटाकर उनकी जगह तरूण जैन को जिम्मेदारी सौंपी गई वही इस आदेश को रद्द भी करना पड़ा जबकि भाना का कार्यकाल भी थांदला में पूर्णता की ओर ही था। आपको बता दे कि तरूण जैन मध्यप्रदेश के सबसे कम उम्र के डिप्टी कलेक्टर स्तर के युवा एसडीएम है।

फाइल फोटो - तरुण जैन / अनिल भाना

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