थांदला गौरव 108 मुनि श्री अन्तरंगसागर जी महराज के सिर पर लगी गम्भीर चोट – गुरदेव ने दी समाधि

थांदला गौरव 108 मुनि श्री अन्तरंगसागर जी महराज के सिर पर लगी गम्भीर चोट – गुरदेव ने दी समाधि
पवन नाहर थांदला। मुनि थांदला गौरव परम पूज्य तपस्वी 108 मुनि श्री अन्तरंगसागर जी महराज के सिर पर सीढ़ियों से नीचे आते समय अनायास पैर फिसल जाने से सिर पर गम्भीर चोट लग जाने से उनके दीक्षा प्रदाता गुरु 108 मुनि श्री अमितसागरजी ने उन्हें आमरण समाधि (सागारी) प्रदान कर दी। आज चौथे दिन पूज्य श्री का पण्डित मरण (अन्न-जल सहित समस्त क्रियाओं का त्याग) चल रहा है।

उल्लेखनीय है कि 108 अंतरंगसागरजी महाराज ने तीन वर्ष पूर्व 108 लब्धिधारी मुनि श्री अमितसागरजी महाराज के समक्ष तारंगा (राजस्थान) में दिगम्बरी जैन भगवती दीक्षा ग्रहण की थी तभी से आप अभिग्रह पूर्वक तपस्या कर रहे थे। कोटा चातुर्मास के पश्चात विचरण करते हुए आप श्री राजस्थान के भरतपुर के समीप बयाना में विराजित है।
मुनिश्री के संयमी जीवन के उत्कर्ष रूपी मोक्ष कामना के लिए डूंगर मालवा के अनेक स्थानों पर नवकार महामंत्र के जाप हो रहे है वही सैकड़ों की संख्या में गुरु भक्त उनके दर्शनार्थ पहुँच रहे है, जहाँ उनके उत्तम आयुष्य व सदगति के लिए नवकार महामंत्र का अव्याबाध रूप से जाप चल रहा है। थांदला दिगम्बर श्रीसंघ के महावीर मेहता, प्रदीप जैन (झांसी वालें), विजय भिमावत, शीतल बोबड़ा, आनन्द मिंडा, मनोज बोबड़ा, शरद मेहता सहित मुनि श्री का सांसारिक परिवार भी गुरु दर्शनार्थ बयाना पहुँच गया है।
वही स्थानीय संघ अध्यक्ष अरुण कोठारी, श्वेताम्बर श्रीसंघ अध्यक्ष जितेंद्र घोड़ावत, सचिव प्रादीप गादिया, तेरापंथ सभा अध्यक्ष अरविंद रुनवाल, प्रवीण मेहता, मूर्तिपूजक संघ अध्यक्ष कमलेश दायजी, उमेश पीचा, आईजा मध्यप्रदेश प्रभारी पवन नाहर, राजेन्द्र पिण्डरमा, अनिल झांसी, दीपक पिण्डरमा, प्रियांक मेहता, संदेश बोबड़ा, इन्द्रवर्धन मेहता, संजय पिण्डरमा सहित जनप्रतिनिधियों व पत्रकारों ने उनके आरोग्यता एवं शीघ्र मोक्ष की मंगल कामना की है।

 

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