कार्य में लापरवाही एवं उदासीनता के चलते जिला कलेक्टर ने 3 छात्रावास अधीक्षक को किया निलंबित – बदलेगी छात्रावास की तस्वीर

कार्य में लापरवाही एवं उदासीनता के चलते जिला कलेक्टर ने 3 छात्रावास अधीक्षक को किया निलंबित – बदलेगी छात्रावास की तस्वीर
पवन नाहर झाबुआ।
जिला कलेक्टर श्रीमती रजनी सिंह द्वारा पेटलावद के ग्राम बोलसा सीनियर बालक छात्रावास के आकस्मिक निरिक्षण के दौरान छात्रावास में स्वीकृत 50 छात्र के स्थान पर महज 28 छात्र दर्ज होने व उनमें से 15 छात्र ही उपस्थित पाए गए वही अनुपस्थित छात्रों के संबंध में कोई अभिलेख संस्था में नहीं पाए जाने व दैनिक उपयोग सामग्री, भोजन व्यवस्था के ठीक नही होने व अन्य रिकार्ड अनुपलब्ध रहने पर उस सम्बन्धी कारण बताओ सूचना का जवाब तक नही देने पर मध्यप्रदेश सिविल सेवा वर्गीकरण नियंत्रण एवं अपील नियम 1966 के नियम 9 के तहत जुवानसिंह वसुनिया को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है । निलंबन की अवधि में इनका मुख्यालय खंड शिक्षा कार्यालय झाबुआ नियत किया गया है। निलंबन अवधि में इन्हें मूलभूत नियम 53 के तहत विधिवत जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता रहेगी।
इसी तरह कलेक्टर श्रीमती रजनी सिंह के द्वारा पेटलावद के ही रामा क्षेत्र के जनजाति सीनियर बालक छात्रावास उमरकोट के आकस्मिक निरीक्ष के दौरान अधीक्षक द्वारा छात्रावास में दर्ज संख्या 50 के स्थान पर 35 छात्र छात्रावास में उपस्थित होना बताया गया किंतु वहाँ भी 21 छात्र ही उपस्थित होना पाए गए। अधीक्षक द्वारा अनुपस्थित 29 छात्रों के संबंध में सही जवाब नही मिलने पर महेंद्र गोयल अधीक्षक को जनजातीय सीनियर बालक छात्रावास उमरकोट द्वारा कोई स्पष्ट उत्तर नहीं दिया गया तथा जिससे इन्हें निलंबित करते हुए खंड शिक्षा कार्यालय राणापुर अटैच किया गया। इसी तरह जिला कलेक्टर ने अनुविभागीय अधिकारी राजस्व पेटलावद के पत्र क्रमांक 628 दिनांक 21 फरवरी के परिपालन में उनके व नायब तहसीलदार झकनावदा द्वारा जनजाति सीनियर बालक छात्रावास मोहनकोट का औचक निरीक्षण किया गया जहाँ छात्रावास की उपस्थिति रजिस्टर का अवलोकन करने पर रजिस्टर में दर्ज बच्चों की संख्या 40 के स्थान पर केवल 11 छात्र उपस्थित होने व अनुपस्थित बच्चों के अर्द्ध वार्षिक परीक्षा के दौरान भी छात्र लगातार अनुपस्थित रहे लेकिन भोजनकर्ता के उपस्थिति रजिस्टर में सभी 40 बच्चों की उपस्थिति दर्ज पाई गई वही शौचालय, बाथरूम की साफ सफाई आदि अव्यवस्थाओं के चलते शासकीय कार्य में लापरवाही एवं उदासीनता बरतने पर अधीक्षक सुंदरसिंह रावत को निलंबित कर उन्हें रामा खंड शिक्षा कार्यालय पर अटैच कर दिया है।
जिला कलेक्टर की कार्यवाही से छात्रावास व्यवस्थाओं में परिवर्तन आ सकता है लेकिन अन्य स्थानों के छात्रावास अधीक्षक अपने यहाँ रिकार्ड दुरस्ती करते देखे गए है जो कागजी घोड़ों को दौड़ाकर भ्रष्टाचार की रेस जीतने की फिराक में लगे हुए है इनसे जिला कलेक्टर कैसे लगाम लगाएगी यह भी देखने वाली बात होगी क्योंकि अधिकांश होस्टल की यही कहानी है।

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