पूल निर्माण का विवादों से गहरा नाता – नगर परिषद के पहले विकास कार्य पर लगा ग्रहण – पार्षद ने मांगी जानकारी
पवन नाहर थांदला।
नगर परिषद थांदला नगर के विकास के साथ जनता के विकास के कितने ही राग अलाप ले लेकिन उसे नगर परिषद के पार्षद ही आईना दिखा रहे है। बीते समय में जहाँ हम नगर के बहुउद्देश्यीय एवं आवश्यक पूल निर्माण के संदर्भ में इसके निर्माण की गुणवत्ता और प्रयोग की गई सामग्री का टेंडर से अंतर का स्पष्टीकरण मांग चुके है वही इसके निर्माण के पूर्व डायवर्शन रोड़ नही बनाकर जनता को तकलीफ देने की आलोचना भी कर चुके है वही वार्ड 9 के पार्षद इस निर्माण होकर आज हुए लोकार्पण पूल पर जिला कलेक्टर, एसडीएम से इसकी जाँच करवाने का आवेदन तक कर चुके है लेकिन उसका अभी तक कोई अधिकारिक संतोषप्रद जवाब नही मिल पाया है वही लोकार्पण के तुरंत बाद वार्ड क्रमांक 7 के पार्षद ज्योति जितेंद्र राठौड़ ने भी इसकी फाइल सीएमओ से लिखित आवेदन देकर मांगी है। हालांकि उन्होनें 1 अगस्त 2022 से 1 मार्च 2023 तक के सारे कार्यों व नप द्वारा क्रय सामग्री व भुगतान किए गए समस्त बिलों की कॉपी मांगी है, जिसमें यह मुद्दा भी शामिल है इससे इंकार नही किया जा सकता। उल्लेखनीय है कि उक्त पूल निर्माण की स्वीकृति पूर्व नप अध्यक्ष बंटी डामोर के समय में होकर इसका भूमि पूजन भी वे करवा चुके थे लेकिन समयाभाव के कारण निर्माण शुरू नही हुआ था वही नवीन परिषद को तैयार रेवड़ी मिली जिसे नए सिरे से भूमि पूजन कर उस रेवड़ी को गर्म किया व खाने को तैयार किया था वही पार्षदों के तालमेल में आभाव से आज उनकी पोल खुलते नजर आ रही है।
जन चर्चा है कि प्रधानमंत्री आवास योजना में एक पूरा घर जब 3 से साढ़े तीन लाख में तैयार हो जाता है तो इस छोटे से पूल में किस कदर 30 लाख रुपये की भारी भरकम राशि लग सकती है वही इसके सीमेंट, सलिये व ग्राउंड लेवल पर भराव की शर्तों को नजर अंदाज कर पूल का निर्माण होना भी इसके बार बार चर्चा में रहने का कारण हो सकता है फिलहाल नगर परिषद के प्राथमिक कार्य में इस पूल का निर्माण किया गया है ऐसे में अभी उन्हें जहाँ पांच वर्षों तक परिषद चलानी है ऐसे में यह पूल भी उनके कार्यों की समीक्षा के रूप में देखा जाता रहेगा।

प्रधान संपादक
पत्रकार – 30 वर्षों से निरंतर सक्रिय होकर – नेशनल न्यूज के मैनेजिंग डायरेक्टर, सोशल मीडिया फाउण्डेशन के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी है। आप वर्तमान समय में प्रदेश की सकारात्मक पत्रकारिता करते हुए शासन प्रशासन के तीखे आलोचक बनकर जनता की मूलभूत समस्याओं को प्राथमिकता से उठाते हुए उसका निराकारण करवाने के लिए प्रतिबद्ध है। जीवदया अभियान के राष्ट्रीय संयोजक होकर समाजसेवा में रुचि रखते है।