स्टेट बैंक के खाता धारक के साथ हुई ऑन लाइन लाखों की ठगी – बैंक ने कॉल कर बताया
ऑन लाइन ठगी का अनोखा मामला – बिना ओटीपी आये ही उड़ गए लाखों रुपये
पवन नाहर झाबुआ।
डिजिटल लेन-देन के जितने फायदें है उतने ही नुकसान देखने को मिल रहे है। आजकल ऑन लाइन ठगी के केस बढ़ते जा रहे है। आजकल बढ़ते फ्रॉड को देखते हुए बैंक भी खाता धारकों को समय समय पर जागरूक करती रहती है वही खाता धारकों के खातों के असंदिग्ध लेन-देन होने पर ग्राहक को सूचित करते हुए खाता ब्लॉक भी कर देती है लेकिन धोखाधड़ी पर लगाम लगाने में वह भी नाकाम साबित हो रही है।
ताजा मामला झाबुआ के रहने वाले हरीश चौहान से जुड़ा है। जिनका खाता स्टेट बैंक इंडिया में है जिसके खातें से सबसे पहले 1 लाख 87 हजार 289 रुपये की राशि किसी रिलायंस ऐप में व दूसरी बार 24 हजार 999 की राशि पंजाब नेशनल बैंक में इस तरह कुल 2 लाख 12 हजार 288 रुपये बिना ओटीपी ट्रांसफर हो जाती है। इन ट्रांजेक्शन के हो जाने के बाद स्टेट बैंक इंडिया को लगा कि खाता धारक के साथ फ्रॉड हो गया है तो उन्होनें खाता ब्लॉक कर तुरंत हरीश से सम्पर्क कर इसकी सूचना दी। हरीश को जब पता चला तो उसके होश उड़ गए व तत्काल इसकी सूचना क्राइम हेल्प लाइन नम्बर 1930 पर की वही जिला पुलिस अधीक्षक व शाखा प्रबंधक से भी उनकी जानकारी के आभाव में होने वालें ट्रांजेक्शन को निरस्त कर उनकी राशि वापस खातें में डालने का आग्रह किया है।
हरीश के साथ हुई धोखाधड़ी में उनके पास न कोई ओटीपी आई व न ही उनके खातें से राशि कटने के बाद इसकी एसएमएस से सूचना मिली। वही बैंक हर सर्विस के पैसे ग्राहकों से काटती है ऐसे में ग्राहकों की अमानत की सुरक्षा करना भी उनकी नैतिक जिम्मेदारी बनती है फिलहाल हरीश को लगी लाखों की चपत से डिजिटल लेन-देन से लोग कतराने लगेंगे।

प्रधान संपादक
पत्रकार – 30 वर्षों से निरंतर सक्रिय होकर – नेशनल न्यूज के मैनेजिंग डायरेक्टर, सोशल मीडिया फाउण्डेशन के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी है। आप वर्तमान समय में प्रदेश की सकारात्मक पत्रकारिता करते हुए शासन प्रशासन के तीखे आलोचक बनकर जनता की मूलभूत समस्याओं को प्राथमिकता से उठाते हुए उसका निराकारण करवाने के लिए प्रतिबद्ध है। जीवदया अभियान के राष्ट्रीय संयोजक होकर समाजसेवा में रुचि रखते है।