पशु पालक दूध दूह कर पशुओं को छोड़ देते है बाजारों में
बाजारों में लगा मवेशी मेला – नागरिक हो रहे दुर्घटनाओं के शिकार
थांदला से पवन नाहर की रिपोर्ट✍️
थांदला। पशु कभी आवारा नहीं होता लेकिन जब उसके मालिक ही इन्हें सड़कों पर आवारा की तरह छोड़ दे तो फिर गलत कौन हुआ यह आप स्वयं आकलन कर सकते है। बारिश के मौसम में नगर के हर गली मोहल्लों में पशुओं की भरमार दिखाई देगी जिनमें से अधिक दुधारू पशु के मालिक दूध दूह कर बाजारों में खुलें छोड़ देते है तो उनके साथ बछड़ों व अन्य पशुओं से बाजारों में ऐसा लगता है जैसे गोशाला ही खुल गई हो। हिंदुत्व के एजेंडे पर सत्ता में आई भाजपा सरकार में पशुओं की स्थिति दयनीय हो गई है, यहाँ गो शालाओं में पशुओं के रखने की जगह नही है तो नगर परिषद में भी पशुओं के लिए कोई अच्छी व्यवस्था नही है, तभी कांग्रेस सरकार जहाँ हर ब्लॉक में गोशाला खोलने की बात कर रही है। बारिश में पशुओं के बाजारों में घूमने से आम नागरिकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। एक तरफ दुर्घटनाओं का अंदेशा तो दूसरी तरफ पशुओं की आपसी लड़ाई में सामानों के टूट फुट होने का भय वही बारिश में पशु लोगों के घरों में भी घुसने लगे है वही इनके द्वारा की जाने वाली गंदगी से भी परेशानी बढ़ गई है। नगर परिषद को इसका स्थायी हल ढूंढना होगा जिससे पशुओं के साथ नागरिकों को भी सुरक्षित किया जा सके।
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धर्मेंद्र प्रजापति (संवादाता)
सारंगी व आसपास के क्षेत्रों में पत्रकारिता करते हुए किसान व जन समस्याओं को उठाकर जनप्रतिनिधियों व प्रशासन से उन्हें प्रमुखता से हल करवाने में उल्लेखनीय कार्य।