अभिभाषक विजय ओरा परिवार ने माताजी स्व. रोशनबाई ओरा के नेत्र दान किए।

अभिभाषक विजय ओरा परिवार ने माताजी स्व. रोशनबाई ओरा के नेत्र दान किए।

संस्था के प्रयासों से नगर में 10 नेत्रदान हो चुके , दान देने के मामले में शहर नए आयाम स्थापित कर रहा है। 

भारत विकास परिषद की नेत्र प्रकल्प की टीम समाज को जागरूक कर रही साथ ही युवा लेरहे हैं ट्रेनिग।

      जावरा (राजकुमार हरण) वरिष्ठ अभिभाषक विजय ओरा की माताजी रोशनबाई ओरा का विगत रविवार को निधन हो गया। उनके निवास पर गोमाबाई हॉस्पिटल नीमच से आई डॉ. दीक्षित की टीम से डॉ. शैलेंद्र बनोधा, डॉ. अमर ने पहुंचकर कॉर्निया निकाले और उसे प्रिजर्व किया। इसके बाद सोमवारिया स्थित ओरा निवास से अंतिमयात्रा निकली, जो शहर के प्रमुख मार्गो से होती हुई आनंदी हनुमान मुक्तिधाम पहुंची। यहां पुत्र विजय ओरा तथा पौत्र अंकित औरा ने मुखाग्नि दी। अंतिमयात्रा में विधायक डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय सहित कई गणमान्य नागरिकों ने शामिल होकर श्रद्धांजलि अर्पित की। बता दें कि भारत विकास परिषद की नेत्र प्रकल्प की टीम लोगां को मरणोपरांत नेत्र दान हेतु जागरूक कर रही है। संस्था के प्रयासों से अब तक 10 नेत्रदान हो चुके हैं। दान देने के मामले में शहर नए आयाम रच रहा है। अब तक शहर के 10 परिवार दिवंगतों का नेत्रदान कर चुके हैं। रविवार को वरिष्ठ अभिभाषक विजय ओरा की माता रोशनबाई का निधन हुआ और परिजन ने उनके नेत्रदान पर सहमति दी। 10वां नेत्रदान नीमच से आए डॉक्टर्स की टीम ने करवाया। एक तरफ जहां नेत्रदान को लेकर लोग जागरूक हुए हैं वहीं अब युवा भी इससे जुड़ रहे हैं। अभी डॉक्टर्स की टीम बड़नगर और नीमच से बुलानी पड़ती है। अब स्थानीय युवा भी कॉर्निया निकालने की ट्रेनिंग ले रहे हैं ताकि जरूरत पड़ने पर कॉर्निया निकाल सकें।

       नेत्रदान के दौरान औरा परिजन के साथ ही दीपक साधु, पप्पूसिंह राठौर, नीलेश मेहता, सुभाष टुकड़िया आदि मौजूद थे।

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