धर्मनिष्ठ सुश्राविका नेत्रदानी श्रीमती मीनादेवी खेमसरा का आकस्मिक देवलोक गमन

धर्मनिष्ठ सुश्राविका नेत्रदानी श्रीमती मीनादेवी खेमसरा का आकस्मिक देवलोक गमन

परिवार ने किए नेत्रदान

जावरा (राजकुमार हरण) श्री संघ के वरिष्ठ स्तम्भ सुश्रावक धर्मनिष्ट, मोहनखेड़ा तीर्थ के ट्रस्टी बाबूलाल जी खेमसरा के छोटे भाई स्वर्गीय भंवरलाल जी की धर्म पत्नी तथा मुकेश खेमसरा की माताजी सुश्राविका श्रीमती मीनादेवी खेमसरा के आकस्मिक देवलोक गमन से पूरे समाज में शोक व्याप्त  है। 70 वर्षीय श्रीमती मीनादेवी धर्मनिष्ट थी। उपध्यान, दो वर्षीतप के साथ ही कई तपस्या वे कर चुकी थी। गुरुवार को भी वे प्रातः पीपली बाजार स्थित जैन मन्दिर में सेवा- पूजा कर बेटे मोनू के साथ घर आयी ओर कंधे में दर्द की शिकायत की, रात्रि चोविहार पच्चाकन थे। परिजनों ने पानी पिलाना चाहा तो मना कर दिया और कहा की अब में जारही हूं समय आगया है। ओर कुछ समय पश्चात ही नशवर देह का त्याग कर देवलोक को कूचकर गई। उनके निधन के बाद परिजनों ने नेत्रदान की सहमति जताई। इसके बाद भारत विकास परिषद मध्यप्रान्त की जावरा शाखा की नेत्रप्रकल्प टीम ने जावरा में ये 11वां नेत्रदान करवाया। गीता भवन न्यास समिति बड़नगर की टीम के साथ डॉक्टर ददरवाल ने कार्निया निकाला। बहुत जल्द दो व्यक्तियों को जीवन में नेत्र ज्योति मिलेगी। इस दौरान भारत विकास परिषद के अध्यक्ष मनोज अग्रवाल “मामा”, ट्रेनी रानू पण्डया, शेखर नाहर, रवि खरीवाल, सुभाष टुकड़ियां उपस्थित रहे। श्रीमती मीनादेवी खेमसरा का अंतिम संस्कार गुरुवार को आनंदी हनुमान शांतिवन जावरा में किया गया। जहाँ उनके पुत्र मुकेश , पौत्र संभव ने खेमसरा परिवार के साथ मुखाग्नि दी। शांतिवन शोकसभा में  श्रीसंघ के मंत्री मदनलाल चोरडिया, अनील पावेचा, अशोक झामर, संजय तलेसरा, राकेश मेहता, चंद्रप्रकाश ओस्तवाल,अजीत चत्तर, शैलेन्द्र पाण्डेय, राजेश दुग्गड ने शब्दों के माध्यम के श्रद्धांजलि दी। सभा का संचालन सुशील कोचट्टा किया। साथ ही समाज व नगर की संस्थाओं ने श्रधांजलि अर्पित की।

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