नए चेहरों व मोदी मैजिक के सहारे अबकी बार 400 पार नारें के साथ मैदान में उतरी भाजपा की पहली सूची ने चौंकाया

नए चेहरों व मोदी मैजिक के सहारे अबकी बार 400 पार नारें के साथ मैदान में उतरी भाजपा की पहली सूची ने चौंकाया
पवन नाहर (प्रधान संपादक – राजनीतिक विश्लेषक – 9424567444)
लोकसभा चुनाव में इस बार 400 पार का नारा देने वाली बीजेपी के उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है। गुरुवार रात केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में नामों पर मंथन के बाद अंतिम मुहर लगी थी। शनिवार को बीजेपी ने सस्पेंस खत्म करते हुए नामों का ऐलान किया। बीजेपी इस चुनाव में बड़ा सरप्राइज दिया है। बीजेपी की पहली लिस्ट की खास बात यह है कि 50 साल से कम उम्र के 47 उम्मीदवार उतारे गए हैं। ओबीसी उम्मीदवारों की संख्या 57 है।

मध्यप्रदेश की अगर बात की जाए तो कई चौकानें वाले निर्णय भी शामिल है। फिलहाल कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ के खिलाफ छिंदवाड़ा से कोई नाम की घोषणा नही हुई है वही मध्यप्रदेश की 29 में से 22 स्थानों पर नाम तय हो गए है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान को विदिशा से टिकट दिया गया है हालांकि विधानसभा चुनाव के बाद उनकी जगह मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाये जाने के बाद से ही उनके दिल्ली जाने की तमाम अटकलों को वे सिरे से खारिज करते रहे और कहते भी रहे कि वे मध्यप्रदेश को छोड़कर दिल्ली नही जाएंगे ऐसे में उनका नाम विदिशा से तय होने पर उनका रिएक्शन भी आएगा वह सुनना दिलचस्प होगा। इधर रतलाम झाबुआ अलीराजपुर संसदीय क्षेत्र में भी भाजपा ने बड़ा दाव खलेते हुए वर्तमान के सक्रिय सांसद गुमानसिंह डामोर का टिकट काटते हुए अनिता नागरसिंह चौहान को टिकट दिया गया है। उल्लेखनीय है कि परिवारवाद की बात करने वाली भाजपा ने चुनोती मानी जाने वाली इस सीट के लिए नई रणनीति बनाई है और प्रदेश कैबिनेट मंत्री नागरसिंह चौहान की पत्नी को ही चुनावी समर में उतारा दिया है। इधर कांग्रेस के पास पूर्व केबिनेट मंत्री कांतिलाल भूरिया के अलावा कोई विकल्प नही है। ऐसे में अनिता पर दांव कितना सही होगा यह तो समय बताएगा फिलहाल वर्तमान सांसद गुमानसिंह डामोर समर्थक इस फैसले का विरोध करेंगे या समर्थन यह भी देखना दिलचस्प होगा। भाजपा द्वारा अनिता को प्रत्याशी बनाये जाने पर झाबुआ की आतिशबाजी बता रही है कि इस बार गुमानसिंह के खिलाफ पार्टी के ही लोग खड़े हो गए थे यही कारण है कि उन पर भाजपा का भरोसा नही रहा लेकिन अनिता के साथ भी कितने यह भी सोचने वाली बात है।

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