सुखेड़ा में चलरहे आदिनाथ अंजनशलाका प्रतिष्ठा महोत्सव को लेकर मंगलवार के दिन अयोध्या नगरी में कई हुए मंगलमय कार्यक्रम
सुखेड़ा / जावरा (राजकुमार हरण) अत्यंत प्राचीन जीर्णोद्धार युक्त धवल पाषाणों से नवनिर्मित द्धिखंडीय विशाल शिखरबद्ध जिनालये परम तारक श्री आदिनाथ आदि जिन बिम्बो की भव्यातिभव्य अंजनशलाका प्रतिष्ठा प्रसंग को लेकर निमचोक बाजार में श्री आदिनाथ जैन स्वेताम्बर मंदिर संघ द्वारा अ स्थाई रूप से बनाईं गई अयोध्या नगरी में पांचवें दिन मंगलवार को भी सुबह से शाम तक आचार्य भगवंत श्री मृदुरत्नसागरजी महारासा व बंधु त्रिपुटी मुनि श्री आगम -प्रशम -वज्ररतनसागरजी महारासा के सानिध्य में मंगलमय कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए इस अवसर पर प्रातः पूत्र जन्म बधाई ,भुआजी जी द्वारा नामकरण, पालना झुलाना, के साथ साथ पाठशाला गमन, मायरा, लग्न महोत्सव के साथ राज्याभिषेक व नो लौकांतिक देवों द्वारा विनती जैन समाज की महिलाओं एवं पुरुषों द्वारा स चित्र साझा किया गया इस अवसर पर अयोध्या नगरी में एक दुसरे पर रंग गुलाल के साथ छापे लगाकर हर्षोल्लास से सभी कार्यक्रमों को मनाया गया इस अवसर पर सोमवार की रात अयोध्या नगरी में ही प पू वज्ररत्नसागरजी महारासा द्वारा उपस्थित श्रोताओं को वर्तमान में भारत में विलुप्त हो रही संस्कृति के बारे में विस्तार से बताया उन्होंने कहा कि भारत में विदेशी ताकतों द्वारा भारत की संस्कृति, वेशभूषा व आन पान में परिवर्तन करने के लिए तरह तरह के जतन कर रही है भारत के संस्कार व संस्कृति पर कैसे प्रवाभ बनाया जाए इस के लिए भारत में जगह जगह कान्वेंट स्कूल खोले गए जहां पर भारत की भाषा हिन्दी की जगह अंग्रेजी को महत्व देते हुए भारतीय संस्कृति को विलुप्त करने का प्रयास किया जा रहा है वहीं हमारे भारत के लोग भी इनके झांसे में आकर हमारे संस्कार देने वाले सरस्वती शिशु मंदिर विधालय से नाता तोड रहे हैं यही वजह है कि आज हर कोई बच्चा भागवत, गीता के श्लोक के बजाय टिंकल टिंकल जेसे शब्दों का उपयोग कर रहे हैं उन्हें भारत की संस्कृति से अलग किया जा रहा है ज्ञात रहे पहले भारत में हिन्दी,गनीत व विज्ञान विषयों को प्रमुखता से माना जाता था अंग्रेजी विषय एछीक रहता था किन्तु अब इस विषय को सर्वश्रेष्ठ मान कर विदेशी ताकतें भारत की संस्कृति नष्ट करने में तुले हुए हैं जबकि अब तो इन्सान के पोषाको पर भी पाश्चात्य सभ्यता की ओर धकेल दिया है मुझे बड़ा दुःख होता जब 18वर्ष से लेकर 26वर्ष तक कि लड़कियां एवं महिलाएं अपने माता-पिता के सामने बाजार में जींस पहनकर निकलती है ओर उन माता पिता के सिर पर तनिक भी सल नहीं पड़ते है फिर कहते हैं कि हमारी बच्चियों पर लोग ग़लत निगाह डालते हैं लानत है ऐसे माता पिता को मैं आज इस मंड़प में बैठीं बच्चियों से निवेदन करता हूं कि भारत की संस्कृति सुरक्षा के साथ भारतीय कल्चर की वेशभूषा धारण करें वहीं वर्तमान में तो शायद कलयुग ही आ गया है आज के पुरुषों का ऐसा वैसन हो गया है जींस की कल्पना भी नहीं की जाती है विशेष तौर पर युवा पीढ़ी तो इतनी निचे गिर गई है कि कई बार इनके माता-पिता को समाज में मू निचे करके चलना पड़ता है वहीं माता को बच्चे के संस्कार के बारे में दुसरे लोगो के ताने-बाने सुनाना पड़ते हैं उन्होंने अयोध्या नगरी में उपस्थित सभी पूत्र एवं पूत्रीयो को अपने माता-पिता के साथ मिलाकर यह ज्ञान दिया की आज के बाद कोई भी पूत्र व पुत्री ऐसा काम ना करें जींस से माता-पिता का दिल दुखे उन्होंने उपस्थित लोगों से अनुरोध किया की आज इस अयोध्या नगरी में प्रतिज्ञा लें की जीवन में कभी भी कलत वैसन नहीं करेंगे और नहीं माता पिता को वृंदा आश्रम भेजेंगे ज्ञात रहे आज मंगलवार को श्री नवपद पूजा के लाभार्थी जितेन्द्र कुमार पवन कुमार मेहता को मिला जबकि प्रातः नवकारसी के लाभार्थी प्रकाश चन्द्र बाबुलाल सेखावत परिवार रहें वहीं दोपहर का स्वामीवात्सल्य महावीर व शुशील कुमार चन्द्रावत परिवार को मिला शाम का स्वामीवात्सल्य विमल कुमार अश्विन बोकड़िया को प्राप्त हुआ ज्ञात रहे लाभार्थियों को अयोध्या नगरी निमचोक बाजार से नित्य प्रति हांथी पर बैठाकर राजस्थान रोड़ पर स्थित श्री शालीभद्र श्री हरि पैलेस तक बैंड बाजा के साथ नृत्य करते हुए लेजाया जा रहा है।

सम्पादक (रतलाम जिला क्षेत्र)
पूर्व प्रदेश अध्यक्ष – ऑल इंडिया जैन जर्नलिस्ट एसोसिएशन मध्यप्रदेश
उपाध्यक्ष – आंचलिक पत्रकार संघ रतलाम जिला
सचिव – प्रेस क्लब जावरा
विगत 35 वर्षों से फोटोजर्नलिस्ट एवं पत्रकारिता के क्षेत्र में सेवा दे रहें हैं।