*प्रबल पुण्योदय के बिना वर्षीतप की तपस्या नहीं हो सकती- अभय सुराणा* 

प्रबल पुण्योदय के बिना वर्षीतप की तपस्या नहीं हो सकती- अभय सुराणा 

रूपेश चपड़ोद एवं सौ. दीपिका छाजेड़ के वर्षीतप की तपस्या के अवसर पर कई संस्थाओं ने की अनुमोदना व बहुमान

                                                    जावरा (राजकुमार हरण) जैन दर्शन में प्रारंभ से ही तप का सर्वोपरि महत्व है और इसलिए वर्षीतप की यह कठीन तपस्या आत्म कल्याण के लिए प्रारंभ हुई जो अन्य कहीं देखने को नहीं मिलती है। उक्त विचार श्री श्वेतांबर जैन वरिष्ठ सेवा समिति के अध्यक्ष अभय सुराणा ने रूपेश चपड़ोद एवं सौ. दीपिका छाजेड़ के वर्षीतप की तपस्या के अवसर पर आयोजित अनुमोदना कार्यक्रम में व्यक्त किये।  आपने कहा कि आज की आपाधापी के युग में चारों तरफ माहौल प्रदूषित हो रहा है तो तप ही एक मात्र विकल्प है जो मानव समाज को निरोग स्वस्थ व सुखी रख सकता है। हमारे प्रबल पुण्योदय के बिना वर्षीतप के योग नहीं बन पाते हैं। इस अवसर पर तपस्वियों का शाल माला से बहुमान किया गया। तपस्वी के माता-पिता व संस्था के पूर्व अध्यक्ष बसंती लाल चपडो़द एवं श्रीमती पुष्पा चपडो़द का भी सम्मान किया गया । वर्षीतप के अनुमोदनाथ चपडोद परिवार द्वारा चोवीसी का कार्यक्रम भी रखा गया। बच्चों ने मनमोहक नृत्य एवं नाटक के द्वारा तपस्वियों के तप की अनुमोदना करी।

*इस अवसर पर इनकी रही गरिमा मय उपस्थिति* 

अभय सुराणा पुखराज पटवा नगिन सकलेचा शांतिलाल डांगी कनकमल काठेड़ अभय भंडारी अशोक छजलानी सुजानमल कोचट्टा सुरेंद्र कोचट्टा शांतिलाल रुनवाल नेमीचंद जैन श्रेणिक नांदेचा कनेश मेहता कमल चपलोद अशोक औरा विमल चपडोद अशोक रांका सुशील मेहता आदि सदस्यगण के साथ ही नगर के गणमान्य नागरिक वह बड़ी संख्या में श्रावक श्राविकाएं उपस्थित थे।

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