भारतीय मानवाधिकार सहकार ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने अस्पताल में पसरी अव्यवस्थाओं के लिए स्वास्थ्य मंत्री को लिखा पत्र
अस्पताल पर तुरंत ध्यान दे सरकार – सुनील यादव
पवन नाहर सीहोर।
मध्यप्रदेश में अस्पतालों की खस्ता हालत व स्टॉफ की कमी के चलते मरीजों को निजी क्लिनिक पर निर्भर होना पड़ रहा है। आजकल महंगी स्वास्थ्य सुविधाओं के चलते निम्न व मध्यम वर्गीय आम नागरिक भी परेशान हो रहे है। अनेक स्थानों पर अस्पतालों में मौजूद व्यवस्था भी अपना काम सही तरीके से नही कर रही है। ताजा मामला सीहोर के शासकीय अस्पताल का है जहाँ नियमित सफाई तो दूर की बात सप्ताह में भी सफाई हो जाये तो ऐसी गंदगी न दिखे। यहाँ का स्टॉफ भी मरीजों से सही तरीके से बात नही करता व डॉक्टर्स भी समय पर अस्पताल नही आते नतीजन स्थानीय व ग्रामीण मरीजों को अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। भारतीय मानवाधिकार सहकार ट्रस्ट की सीहोर इकाई के माध्यम से जब यह सूचना संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनिलसिंह यादव को मिली तो उन्होंनें इसकी त्वरित कार्यवाही करते हुए मध्यप्रदेश शासन के लोक स्वास्थ्य मंत्री राजेन्द्र शुक्ला को पत्र लिखते हुए मामले की गम्भीरता से अवगत करवाते हुए शासकीय अस्पताल में पसरी गन्दगी के फ़ोटो उपलब्ध करवाते हुए तुरंत कार्यवाही की मांग की है।
यादव ने अपने पत्र के माध्यम से लोक स्वस्थ्य मंत्री को अस्पताल की दुर्दशा बताते हुए लिखा कि अस्पताल परिसर में अपार गन्दगी है, पीने के पानी सहित अन्य खामियां है तो आये दिन स्टाफ द्वारा भी मरीजों से दुर्व्यवहार करते हुए उनका ईलाज नही किया जाता है व निजी अस्पतालों में जाने की सलाह देता है। संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने इस सम्बंध में जिला स्वास्थ्य अधिकारी को भी अवगत करवाया लेकिन अभी तक कोई उचित कार्यवाही नही हुई है। मंत्रीजी प्रदेश में चल रहे शासकीय अस्पतालों व वहाँ सफाई ठेकों की जाँच कर सभी अस्पतालों में नियमित सफाई का निर्देश देते हुए मरीजों से अभद्रता करने वालें स्टॉफ पर ठोस कार्यवाही करेंगें तो आम जनता का शासकीय अस्पतालों पर भरोसा रहेगा व उन्हें महंगे इलाज से मुक्ति भी मिलेगी।

प्रधान संपादक
पत्रकार – 30 वर्षों से निरंतर सक्रिय होकर – नेशनल न्यूज के मैनेजिंग डायरेक्टर, सोशल मीडिया फाउण्डेशन के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी है। आप वर्तमान समय में प्रदेश की सकारात्मक पत्रकारिता करते हुए शासन प्रशासन के तीखे आलोचक बनकर जनता की मूलभूत समस्याओं को प्राथमिकता से उठाते हुए उसका निराकारण करवाने के लिए प्रतिबद्ध है। जीवदया अभियान के राष्ट्रीय संयोजक होकर समाजसेवा में रुचि रखते है।