खट्टी मीठी यादों के सहारे साथ गुजारें 30 बरस – संतोष विभा ने विवाह वर्षगाँठ पर की तपस्वियों की सेवा वर्षीतप आराधना के 3 माह पूर्ण 400 दिन तक चलेगी आराधना

खट्टी मीठी यादों के सहारे साथ गुजारें 30 बरस – संतोष विभा ने विवाह वर्षगाँठ पर की तपस्वियों की सेवा
वर्षीतप आराधना के 3 माह पूर्ण 400 दिन तक चलेगी आराधना
थांदला। कुछ रिश्तें ऐसे होते है जो अनजान बंधन में बंध कर 7 जन्मों के सफर पर निकल पड़ते है। वर्तमान भौतिक मोबाइल के युग में जहाँ आपसी सम्बंध सहनशीलता के आभाव में 30 दिन भी नही टिकते वहाँ संतोष विभा आदर्श उदाहरण हो सकते है जिन्होनें 30 वर्ष एक साथ गुजारें। कुछ खट्टी कुछ मीठी यादों के इस सफर में थांदला की बहू विभा ने जहाँ श्वसुर की पिता की तरह सेवा की तो ननदों का भी पूरा विश्वास जीता। पति जब पत्नी का हर समय साथ दे तो फिर वह हर मुसीबतों को अपनाकर भी कुशलता से जीवन की गाड़ी चलाने लग जाती है। विभा व संतोष श्रीमार ने अपनी 30 वीं वर्षगाँठ वर्षीतप आराधना कर रहे तपस्वियों की सेवा कर उन्हें पारणा कराते हुए मनाया। गौर तलब है कि डुंगरांचल के इतिहास में पहली बार थांदला नगर में एक साथ सामूहिक 72 वर्षीतप आराधना हो रही है। स्वयं विभा भी वर्षितप आरधना कर रही है। वही 13 माह (400 दिन) तक होने वाली सामूहिक वर्षीतप आराधना को आज तीन माह भी पूर्ण हो गए है। ऐसे में इस युगल दम्पत्ति ने अपनी वैवाहिक वर्षगाँठ के दिन सभी तपस्वियों को साता उपजाते हुए पारणा करवाया वही सभी तपस्वियों का तिलक लगाकर बहुमान करते हुए प्रभावना प्रदान की। उनके सामुहिक पारणें के दौरान सुपत्रदान का सुअवसर भी प्राप्त हुआ। जिनशासन गौरव जैनाचार्य पूज्य श्री उमेशमुनिजी म.सा. “अणु” के शिष्य बुद्धपुत्र प्रवर्तक श्री जिनेंद्रमुनिजी म.सा. के आज्ञानुवर्ती सरलमना पूज्याश्री निखिशीलाजी म.सा. आदि ठाणा – 4 की पावन प्रेरणा से थांदला स्थानकवासी श्रीसंघ के सानिध्य में आयोजित सामूहिक पारणें में करीब 15 आधार स्तम्भ सदस्य मुख्य लाभर्थी है, वही संघ द्वारा प्रति पारणें में एक सहायक लाभर्थी के लाभ लेने का प्रवाधान किया गया है जिसमें इस बार का लाभ इस युवा दम्पत्ति ने लेकर धन का सदुपयोग करते हुए फिजूलखर्ची करने वालों के लिए भी प्रेरणादायक कार्य किया है यह युवा दम्पत्ति जीवदया अभियान से जुड़कर मछलियों को खरीदकर उन्हें पुनः समुद्र में छोड़ना, अशक्त गरीबों को कम्बल वितरण करना जैसे अनेक परोपकार के कार्य गोपनीयता से करते रहते है। सेवा कार्य के साथ ही युगल से नव विवाहित जोड़ो को भी प्रेरणा लेना चाहिए कि सम हो या विषम हर परिस्थिति में अपने व अपने परिजनों की सेवा से ही राह आसान होती है व घर में खुशहाली आती है। श्रीसंघ सहित विभा संतोष के इष्ट मित्रों परिजनों ने उन्हें बधाई देते हुए खुशहाल जीवन की मंगल कामना की है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *