सार्थक ने सीए बन जिलें का नाम किया रोशन मित्र गुरुजनों ने दी बधाई

सार्थक ने सीए बन जिलें का नाम किया रोशन मित्र गुरुजनों ने दी बधाई
संयम व पुरुषार्थ से हासिल किया लक्ष्य – सार्थक
थांदला। झाबुआ जिलें के थांदला नगर के प्रसिद्ध कपड़ा व्यवसायी राकेश व सारिका मेहता के पुत्र सार्थक मेहता ने चार्टर्ड अकाउंटेंट की फाइनल परीक्षा पास कर झाबुआ जिला व थांदला नगर के साथ सकल जैन समाज का नाम रौशन किया है। सार्थक ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा संस्कार स्कूल से प्राप्त की वही वे 9 वीं से झाबुआ आईपीएस के विद्यार्थी रहे व बाद की पढ़ाई इंदौर आईपीएस स्कूल से की। इंदौर शहर में रहकर सार्थक के मन में सीए बनने का सपना घर कर गया व इसके लिए उसने काफी संयम व पुरुषार्थ का परिचय दिया। सार्थक बताते है कि स्कूली दिनों में उसकी पढ़ाई एवरेज ही थी जबकि आगे भी पढ़ाई में सामान्य ही रहा लेकिन उसने लक्ष्य तय कर लिया था कि इम्तिहान कैसे भी हो उसे सफल होना ही है। वैसे तो सीए बनने के लिए 5 वर्ष पर्याप्त होते है लेकिन सार्थक ने 2015 में अपना पहला सीए का इम्तिहान दिया था जो 2024 तक चलता रहा इस तरह उसे सीए बनने में 4 अतिरिक्त वर्ष लगे लेकिन उसने कभी हिम्मत नही हारी व असफलता से सबक लेकर उसे आखिरकार सफलता में परिवर्तित कर ही दिया। हरिवंशराय बच्चन की मोटिवेशन पोएट्री कोशिश करने वालों की हार नही होती उस पर फिर बैठती है। फिर वो कहते है न आपने कितने प्रयास किये आप कितनी बार असफल हुए यह शिखरता पर पहुँच जाने पर मायने नही रखता। सार्थक के माता-पिता उन बच्चों के लिए प्रेरणा हो सकते है जो आपने बच्चों के असफल होने पर उसे आगे बढ़ने से रोकते है क्योंकि सही मायने में माता-पिता की प्रेरणा व उनका अपने पुत्र पर विश्वास ही सार्थक की सफलता की कहानी है। सफलता ने अपने माता-पिता, परिजनों गुरुजनों को अपनी सफलता का श्रेय देते हुए कहा कि उसका लक्ष्य सीए क्षेत्र में मुंबई से अन्य उपलब्धियों को हासिल कर इंदौर शहर से प्रदेश व अपने जिलें के लोगों की सेवा करने का है। उसकी उपलब्धि पर जिलें के इष्टमित्रों में परिजनों में उत्साह है व एक दूसरे को मिठाई खिलाकर धन्यवाद दे रहे है साथ ही सार्थक को बधाई देते हुए उसके उज्ज्वल भविष्य की मंगल कामना कर रहे है।

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