**नवकार महामंत्र आराधना का भव्य समापन: आध्यात्मिकता और तपस्या का अनूठा संगम**  

**नवकार महामंत्र आराधना का भव्य समापन: आध्यात्मिकता और तपस्या का अनूठा संगम**  

              जावरा (राजकुमार हरण) – नवकार महामंत्र की अपार महिमा का वर्णन करते हुए मुनिराज परम पूज्य श्री चन्द्रयश विजय जी म.सा. ने श्रद्धालुओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि शरीर के सभी रोगों से मुक्ति पाने का अद्वितीय मार्ग नवकार महामंत्र का जाप है। जहां दवाईयाँ अस्थायी राहत प्रदान करती हैं, वहीं नवकार महामंत्र का स्मरण स्थायी सुख-शांति और स्वास्थ्य प्रदान करता है।

      इस महामंत्र की आराधना का समापन पारना महोत्सव के रूप में हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ। नौ दिवसीय तपस्या के इस अद्वितीय आयोजन में 120 से अधिक आराधकों ने भाग लिया। श्री संघ द्वारा आयोजित इस महोत्सव में 45 लाभार्थी परिवारों ने सक्रिय रूप से सहभागिता की और उन्हें सम्मानित किया गया। लाभार्थी परिवारों का बहुमान श्री संघ की आज्ञा से लाभ लेने वाले धरमचंद अनिलकुमार पियूष,राहुल चपडोद परिवार ने किया !

     इस पवित्र अवसर पर श्री संघ अध्यक्ष अशोक लुक्कड़, सहमंत्री राजेश वरमेचा, कोषाध्यक्ष विनोद वरमेचा, चातुर्मास समिति अध्यक्ष धरमचंद चपडोद, मंत्री पारस ओसतवाल, और कोषाध्यक्ष अभय चोपड़ा सहित कई गणमान्य सदस्य उपस्थित रहे।

     जावरा के इतिहास में पहली बार 240 आराधकों के सिद्धितप जैसे महान तप का आयोजन निरंतर चल रहा है, जो कि धर्म और तपस्या के प्रति समाज की गहरी आस्था को दर्शाता है।

      कार्यक्रम का संचालन प्रवीण जैन नवकार द्वारा किया गया। इस आयोजन की जानकारी प्रचार प्रसार संयोजक शिखर चन्द्र धारीवाल और विरेंद्र सेठिया ने दी।

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