ग्रीन फील्ड प्रोजेक्ट: जन संघर्ष समिति और एमपीआरडीसी अधिकारियों के बीच वार्ता विफल

ग्रीन फील्ड प्रोजेक्ट: जन संघर्ष समिति और एमपीआरडीसी अधिकारियों के बीच वार्ता विफल

   जावरा (राजकुमार हरण): उज्जैन-जावरा के बीच भूतेड़ा से जोयो चौराहा तक प्रस्तावित ग्रीन फील्ड प्रोजेक्ट को लेकर एमपीआरडीसी के महाप्रबंधक सुरेश मनवानी, कुन्दन पाटीदार और अन्य अधिकारियों के साथ जन संघर्ष समिति के पदाधिकारियों की चर्चा असफल रही। बैठक में एसडीएम त्रिलोचन गौड़ और तहसीलदार संदीप इवने भी शामिल रहे।

      जन संघर्ष समिति के बैनर तले मप्र कांग्रेस कमेटी के महासचिव यूसुफ कड़पा, जिला पंचायत सदस्य डीपी धाकड़, असलम मेव, सुनील पोखरना, एडवोकेट उबेद अंसारी, मनोज मेहता और अन्य प्रतिनिधियों ने करीब एक घंटे तक अधिकारियों से वार्ता की।

अधिकारियों का पक्ष:

   एमपीआरडीसी के अधिकारियों ने बताया कि प्रस्तावित सड़क हादसों की रोकथाम के लिए भूतेड़ा से जावरा तक 7 फ्लाईओवर बनाए जाएंगे। जोयो चौराहा पर निर्धारित मापदंडों के अनुसार 13 मीटर चौड़े ओवर ब्रिज का निर्माण होगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सड़क की ऊंचाई वर्तमान स्थिति में ही रखी जाएगी और हर प्रभावित व्यक्ति धारा 11 के तहत अपनी आपत्ति दर्ज करा सकता है।

जन संघर्ष समिति का विरोध:

      वार्ता असफल होने के बाद जन संघर्ष समिति ने आंदोलन तेज करने का निर्णय लिया है। अकरम मेव और अन्य सदस्यों ने एमपीआरडीसी के महाप्रबंधक सुरेश मनवानी की कार के आगे लेटकर विरोध किया, जिन्हें पुलिस ने वहां से हटाया।

आंदोलन जारी रहेगा:

     जन संघर्ष समिति ने साफ किया कि प्रभावित लोगों के हक और रोजगार के मुद्दों का समाधान होने तक धरना-प्रदर्शन जारी रहेगा। समिति का आंदोलन उग्र रूप लेने की संभावना है।

निष्कर्ष:

     ग्रीन फील्ड प्रोजेक्ट को लेकर सरकार और जनता के बीच बढ़ती खाई, उनकी समस्याओं और समाधान पर तात्कालिक कदम उठाने की आवश्यकता को रेखांकित करती है।

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