4 फरवरी – कैंसर दिवस विशेष – गौमूत्र से कैंसर का ईलाज सम्भव

गौमूत्र से कैंसर रोगियों को मिल रहा है लाभ – पवन नाहर
वर्तमान भौतिक व हाइब्रिड युग में जहाँ बढ़ते प्रेस्टिसाइड (कीटनाशक दवाइयों) का चलन बढ़ गया है वही मानव में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हुई है जिससे शरीर में अनेक प्रकार के रोग होने उन्ही में से एक कैंसर को कुछ वर्षों पूर्व लाईलाज बीमारी माना जाता रहा है। मशहूर फिल्म आंनद में राजेश खन्ना कुछ इसी तरह के किरदार को निभाता है जो समय से पहले अपनी मौत को देखता है। आज कई मौतें कैंसर से हुई है वही आज भी मशहूर क्रिकेटर युवराजसिंह, फ़िल्म अभिनेत्री मनीषा कोइराला, सोनाली बेंद्रे, जूनियर महमूद जैसे ही कैंसर से पीड़ित मरीज देखें जा सकते है जिनमें से कुछ कैंसर से जंग जीत गए कुछ हार गए तो कुछ आज भी संघर्ष कर रहे है। पवन नाहर ने कैंसर दिवस पर कैंसर से बचने के लिए खानपान पर नियंत्रण रखने की व अपनी डाइट में जैविक खेती से उत्पन्न उत्पादों का उपयोग करने की सलाह दी है। नाहर ने कहा कि प्राचीन आयुर्वेद में विभिन्न रोगों के उपचार के लिए गौमूत्र का उपयोग किया जाता रहा है। वर्तमान में एलोपैथी का चलन बढ़ सा गया है बावजूद इसके जड़ से समाधान पाने के लिए जन समूह आज भी आयुर्वेद पर भरोसा कर रहा है। हाल के वर्षों में कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों के मरीजों पर गौमूत्र के शोध और परिणाम के लाभ दिखने लगे है यही कारण है कि इसे आयुर्वेद चिकित्सा के रूप में मान्यता दी गई है। मरीज़ों ने गौमूत्र के साक्षात लाभ अनुभव किए हैं। स्किन समस्या में जहाँ गौमूत्र कारगर साबित हुआ है वही कैंसर मरीजों के लिए गौमूत्र के संभावित लाभों में इम्यून सिस्टम (रोगों से लड़ने की शक्ति) को मजबूत करने में सफलता पाई है। गौमूत्र में एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं जो शरीर में फ्री रेडिकल्स को कम करने में मदद करते हैं जो कैंसर जैसी बीमारियों का प्रमुख कारण माना जाता हैं। गौमूत्र शरीर से हानिकारक विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में भी सहायक माना जाता है। इससे शरीर को साफ करने और इलाज के दौरान शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में मदद मिलती है।

कैंसर के कुछ मरीजों ने गौमूत्र का उपयोग करके यह अनुभव किया है कि यह कीमो थेरेपी से उत्पन्न दुष्प्रभाव जैसे कमजोरी, उल्टी और थकान को कम करता है। आयुर्वेद के अनुसार, गौमूत्र में “त्रिदोष” (वात, पित्त, कफ) को संतुलित करने की क्षमता होती है, जिससे शरीर का संतुलन बना रहता है और रोगों से लड़ने की ताकत मिलती है। कुछ अध्ययनों ने गौमूत्र में कैंसररोधी (Anti-Cancer) गुणों को पहचानने का दावा किया गया है यही कारण इसे आयुर्वेद विज्ञान में कैंसर के लिए प्रमाणित इलाज के रूप में मान्यता दी गई है। पवन नाहर ने आग्रह किया है कि गौमूत्र का सेवन आयुर्वेद के जानकारों के मार्गदर्शन में उचित निर्देशों के पालन करते हुए करना चाहिए तभी व्यक्ति अपने को कैंसर जैसी अन्य जानलेवा बीमारी को समूल नष्ट कर अपने आप को स्वस्थ्य बना सकता है।

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