डॉ. गौतम मुनि जी को “मानव केसरी” और साध्वी डॉ. कुमुदलता जी को “जिन शासन कर्मठ निष्ठा” की उपाधि से अलंकृत किया गया

डॉ. गौतम मुनि जी को “मानव केसरी” और साध्वी डॉ. कुमुदलता जी को “जिन शासन कर्मठ निष्ठा” की उपाधि से अलंकृत किया गया

मानव सेवा व जिन शासन की आराधना को समर्पित साधु-साध्वी सम्मानित

      जावरा (राजकुमार हरण) अखिल भारतीय जैन दिवाकर विचार मंच के राष्ट्रीय वरिष्ठ मार्गदर्शक अभय सुराणा ने बताया कि श्रमण संघ के युवाचार्य प्रवर श्री महेंद्र ऋषि जी महाराज, प्रवर्तक श्री प्रकाशमुनि जी महाराज, श्रमण संघीय मंत्री राष्ट्र संत कमल मुनि कमलेश सहित 50 से अधिक साधु-साध्वियों की उपस्थिति में, हजारों श्रद्धालु श्रावक-श्राविकाओं के बीच जैन दिवाकर गुरु प्रताप कुल के उज्ज्वल नक्षत्र, आगम ज्ञाता श्रमण संघीय उपाध्याय डॉ. गौतम मुनि जी महाराज को “मानव केसरी” तथा संपूर्ण कार्यक्रम की सूत्रधार, अनुष्ठान आराधिका, जिन शासन प्रभाविका डॉ. कुमुदलता जी महाराज को “जिन शासन कर्मठ निष्ठा” की उपाधि से अलंकृत किया गया। दोनों संतों को आदर स्वरूप चादर ओढ़ाकर सम्मानित किया गया।

स्वर्ण संयम दीक्षा जयंती पर भव्य आयोजन: अभय सुराणा ने बताया कि उपाध्याय प्रवर डॉ. गौतम मुनि जी महाराज की 50वीं स्वर्ण संयम दीक्षा जयंती के पावन अवसर पर, भारत के विभिन्न प्रांतों से हजारों श्रद्धालुओं की उपस्थिति में पुणे श्री संघ के आतिथ्य में यह गरिमामय आयोजन संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम की सर्वत्र सराहना की गई।

जावरा से विशेष संबंध: यह उल्लेखनीय है कि जिन शासन प्रभाविका साध्वी डॉ. कुमुदलता जी महाराज का जन्म जावरा की पावन भूमि में हुआ था। वहीं, मानव केसरी गुरुदेव गौतम मुनि जी महाराज ने जावरा में ऐतिहासिक चातुर्मास किया था। अब शीघ्र ही जावरा की भूमि पर सभी के सहयोग से मानव सेवा कार्यों का एक तीर्थ बनने जा रहा है।

संतों को मिला समाज का सम्मान: इस अवसर पर अखिल भारतीय जैन दिवाकर विचार मंच के संस्थापक अध्यक्ष मोतीलाल बाफना, राष्ट्रीय महामंत्री अभय श्रीमाल, विजय खटोड़, आशीष जैन, मनीष भटेवर, शेखर नाहर, राष्ट्रीय महिला अध्यक्षा मंगला भंडारी, संगीता चिप्पड़, कल्पना मुथा, आशा जैन आदि ने गुरुदेवों के सम्मान पर हर्ष व्यक्त कर शुभकामनाएं प्रेषित कीं।

मानव सेवा और जीव दया में अग्रणी कार्य: गुरुदेव कमल मुनि कमलेश के जन्म दिवस के अवसर पर एवं दोनों संतों की उपाधि से अलंकृत होने के उपलक्ष्य में, मानव सेवा एवं जीव दया के विभिन्न सेवा कार्य विभिन्न प्रांतों में निरंतर जारी हैं।

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