बाल तपस्वी नव्या शाहजी के दीर्घ मासक्षमण तप अनुमोदना में निकली जयकार यात्रा – सकल संघ ने किया बहुमान

बाल तपस्वी नव्या शाहजी के दीर्घ मासक्षमण तप अनुमोदना में निकली जयकार यात्रा – सकल संघ ने किया बहुमान
प्रधान संपादक पवन नाहर / 9424567444
थांदला। धर्म धरा थांदला पर जिनशासन गौरव पूज्य श्री उमेशमुनिजी म.सा. “अणु” की दिव्य कृपा से प्रवर्तक श्री जिनेन्द्रमुनिजी म.सा. के मंगल आशीर्वाद से उनकी आज्ञानुवर्ती पूज्या श्रीनिखिलशिलाजी म.सा. आदि ठाणा – 4 का भव्य चातुर्मास गतिमान है। आपकी निश्रा में ज्ञान-दर्शन-चारित्र-तप की भव्य आराधना चल रही है जिसमें बाल तपस्वी भी तपस्या के रंग में सराबोर होकर दीर्घ तपस्या कर रहे है। इसी कड़ी में थांदला के सुश्रावक सुजानमलजी शाहजी की पौती नव्या मनीष शाहजी ने 31दिनों तक आहार का त्याग करते हुए दिन के समय में सीमित मात्रा में केवल गर्म जल के सहारे रहकर मासक्षमण की दीर्घ तपस्या पूर्ण करते हुए सबसे युवा तपस्वी होने का कीर्तिमान बनाया है।
जानकारी देते हुए ललित जैन नवयुवक मंडल अध्यक्ष रवि लोढ़ा, सचिव संदीप शाहजी ने बताया कि बाल तपस्वी नव्या की दीर्घ तपस्या से जिनशासन की प्रभावना व संघ को गर्वानुभूति हुई है । उनके दीर्घ तप की अनुमोदना में बाल तपस्वी की बैंडबाजों संग जय-जयकार करते हुए उनके निवास स्थान से जयकार यात्रा निकालते स्थानक भवन पर पहुँचीं व पूज्य महासतियाजी के सानिध्य में गुणानुवाद सभा के रूप में परिवर्तित हो गई।

धर्म सभा में पूज्या महासतियाजी ने बाल तपस्वी नव्या मनिषजी शाहजी द्वारा लघुवय में दीर्घ तपस्या की अनुमोदना करते हुए उनके तपमय जीवन की मंगल कामना की उन्होंनें तत्काल मुक्तक रचना के माध्यम से नव्या के संस्कारमय जीवन को प्रस्तुत किया पूज्याश्री द्वारा वेगा-वेगा मोक्ष में जाने के 23 बोल में 10वाँ विवेचन भी चल रहा है वही गुरु पखवाड़ा मनाते हुए पूज्याश्री दीप्तिश्रीजी म.सा. ने मालवकेसरी पूज्य गुरुदेव श्री सौभाग्यशाली म.सा. के जीवन चारित्र का वर्णन किया पूज्याश्री ने स्तवन व मुक्तकों के द्वारा नव्या के तप अनुमोदना की।

गुणानुवाद सभा का आयोजन सकल संघ ने किया बहुमान
तपस्वी के बहुमान पर आयोजित गुणानुवाद सभा में थांदला जैन संघ के अध्यक्ष भरत भंसाली ने तपस्या की शाब्दिक अनुमोदना करते हुए शाहजी परिवार के आराधनामय जीवन को संघ की शान बताया, इस अवसर पर नव्या मित्र मंडल, धरा शाहजी, विरति मोदी व मनोज्ञा लोढ़ा ने लघु नाटिका से, गरिमा राजू बाफना, रानी श्रीमाल, किंजल धोका, आँचल मेहता, एवं पूर्वा जैन ने भी भावाभिव्यक्ति व स्तवन के माध्यम से तपस्वी के तप की अनुमोदना की। श्रीसंघ द्वारा बाल तपस्वी का तप की बोली लगाते हुए बहुमान किया गया जिसका लाभ हितेश शाहजी, रजनीकांत लोढ़ा, किरण छाजेड़ ने लिया वही पारस कुमठ व अन्यजनों ने भी प्रत्याख्यान ग्रहण कर तप की भेंट दी। इस अवसर पर त्रिस्तुतिक मूर्तिपुजक संघ अध्यक्ष कमलेश दायजी, सचिव मयूर तलेरा, कोषाध्यक्ष प्रफुल्ल पोरवाल, उपध्यक्ष कमल पीचा, यतिश छिपानी, यतीन्द्र दायजी द्वारा तपस्वी का बहुमान किया गया। संघ के पूर्व अध्यक्ष जितेंद्र घोड़ावत, नगीनलाल शाहजी, कनकमल घोड़ावत, महेश व्होरा, रमेशचंद्र चौधरी, रजनीकांत शाहजी, आईजा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पवन नाहर, कोषाध्यक्ष चर्चिल गंग आदि अन्य श्रावक – श्राविका ने तप अनुमोदना करते हुए बाल तपस्वी के मंगलमय जीवन की कामना की। धर्म सभा का संचालन संघ सचिव प्रादीप गादिया ने किया वही पूर्व युवाध्यक्ष हितेश शाहजी व गौरव शाहजी ने तपस्वियों की अनुमोदना में आये महानुभाव के प्रति आभार माना। इस अवसर पर तपस्वी परिवार द्वारा धर्म प्रभावना वितरित की। उल्लेखनीय है कि शाहजी परिवार में इससे पूर्व काकी दीपा शाहजी सिद्धि तप, दादा रजनीकांत शाहजी, काका गौरव शाहजी, काकी भावना शाहजी, बुआ सलोनी शाहजी, अट्ठाई तप की आराधना कर चुके है, वही पिता स्वाध्यायी मनीष शाहजी ने पर्युषण पर्व में कुशलगढ़ जाकर धर्म प्रभावना की है तो दादा सुजानमल शाहजी प्रतिवर्ष चौविहार अठ्ठम तप (तेला) करते है।

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