News Views:
107
तपस्वी रत्न श्री प्रियेश श्रीमाल व श्रीमती हिमानी श्रीमाल ने 33-33 तथा कु अमीषा पटवा ने 31 उपवास की तपस्या कर परिवार में रचा इतिहास
तपस्या की पूर्णता देव, गुरु और धर्म की कृपा पर आधारित होती है। तप की अनुमोदना करने से जिन शासन की प्रभावना होती है- राजेश मुनी जी
इन्दौर 14 अक्टूबर (राजकुमार हरण ) पूज्य गुरूदेव तपकेसरी, उग्र विहारी, महाअभिग्रहधारी गोल्डन बुक अवार्ड से सम्मानित, वर्तमान के गुरू वेणी डॉ श्री राजेशमुनिजी म.सा सेवाभावी पूज्य श्री राजेन्द्र मुनि जी मा सा की पावन निश्रा एवं आशीर्वाद से यहां प्रियेश श्रीमाल (संगीता श्रीपाल श्रीमाल) तथा श्रीमती हिमानी प्रियेश श्रीमाल के 33-33 उपवास तथा सुश्री अमीषा पटवा के 31 उपवास की तपस्या पूर्णता की और हैं।
तपस्या की पूर्णता देव, गुरु और धर्म की कृपा पर आधारित होती है। तप की अनुमोदना करने से जिन शासन की प्रभावना होती है-
उक्त विचार प. पू. श्री राजेश मुनी जी म.सा. ने तपस्वी रत्न प्रियेश श्रीमाल, श्रीमती हिमानी व कु अमीषा पटवा की तपस्या की पूर्णता की और अग्रसर होने पर तपस्या की अनुमोदना में प्रकट किए । आपने कहा मनुष्य ही तप व तपस्या कर सकते हैं। ये कार्य देवता चाह कर भी नहीं कर सकते हैं। इस अवसर पर सभी समाज जनों व परिवार जनों ने तपस्वियों की बहुत बहुत अनुमोदना की । प्रकाश भटेवरा ने बताया कि 14 अक्टूबर को रात्री 7:30 बजे तपस्वियों के सम्मान में भव्य भक्ति संध्या का आयोजन जैन स्थानक उषा नगर में होगा तथा तीनों तपस्वियों का वरघोड़ा महोत्सव कल दिनांक 15 अक्टूबर को निकलेगा। सभी समाजजनों से अपील की है अधिक से अधिक संख्या में पधारे।

सम्पादक (रतलाम जिला क्षेत्र)
पूर्व प्रदेश अध्यक्ष – ऑल इंडिया जैन जर्नलिस्ट एसोसिएशन मध्यप्रदेश
उपाध्यक्ष – आंचलिक पत्रकार संघ रतलाम जिला
सचिव – प्रेस क्लब जावरा
विगत 35 वर्षों से फोटोजर्नलिस्ट एवं पत्रकारिता के क्षेत्र में सेवा दे रहें हैं।