जल संकट: तकनीकी खामियों और लापरवाही पर उठे सवाल।

जल संकट: तकनीकी खामियों और लापरवाही पर उठे सवाल।

सामाजिक कार्यकर्ता अभय सुराणा ने जिम्मेदारों से मांगे जवाब 

संवाददाता: राजकुमार हरण, जावरा

जलापूर्ति की समस्याओं को लेकर आमजन की नाराजगी लगातार बढ़ती जा रही है। सामाजिक कार्यकर्ता अभय सुराणा ने जलप्रदाय से संबंधित कई गंभीर मुद्दे उठाते हुए नगर पालिका प्रशासन पर लापरवाही के आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि तकनीकी खराबी या पाइपलाइन फूटने के कारण जलप्रदाय में बाधा आती है, लेकिन इस समस्या के मूल कारणों की जांच और समाधान पर कभी ध्यान नहीं दिया गया।

श्री सुराणा ने बताया कि मलेनी नदी में पानी की कोई कमी नहीं है, फिर भी कई क्षेत्रों में नलों से पानी कम प्रेशर में और निर्धारित समय से कम मिल रहा है। चौपाटी क्षेत्र की ऊंचाई वाली कॉलोनियों में जल आपूर्ति विशेष रूप से प्रभावित है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जहां 50 मिनट तक पानी आना चाहिए था, वहां मात्र 20 मिनट पानी आया, वह भी बहुत कम प्रेशर के साथ।

जलकल विभाग पर उठाए सवाल:

श्री सुराणा ने जलकल विभाग और नगर पालिका के कर्मचारियों व इंजीनियरों पर सवाल उठाते हुए कहा कि पाइपलाइन की स्थिति पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। अगर कहीं खुदाई हो रही है, तो नगरपालिका का कोई कर्मचारी वहां मौजूद नहीं होता। पाइपलाइन फूटने की स्थिति में संबंधित ठेकेदार द्वारा मरम्मत का प्रावधान होता है, लेकिन इस दिशा में कोई कार्यवाही नहीं की जाती।

समस्या समाधान के सुझाव :

श्री सुराणा ने मुख्य नगर पालिका अधिकारी से मांग की है कि जलप्रदाय से संबंधित जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों के मोबाइल नंबर सार्वजनिक किए जाएं, ताकि आमजन अपनी समस्याओं का समाधान पा सकें। उन्होंने सुझाव दिया कि यदि सुबह जलप्रदाय संभव नहीं हो, तो इसे शाम को सुनिश्चित किया जाए, ताकि शेड्यूल प्रभावित न हो।

सुराणा ने यह भी कहा कि जलप्रदाय के लिए ‘एक दिन छोड़कर पानी’ की परंपरा समाप्त की जाए, क्योंकि उपभोक्ता पूरे वर्ष का भुगतान करते हैं। उन्होंने नगर पालिका से मांग की कि जलप्रदाय की समय सीमा और गुणवत्ता पर स्पष्टता लाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं।

ध्यानाकर्षण :

जल संकट के इन मुद्दों पर ध्यान देकर प्रशासन को ठोस और पारदर्शी उपाय करने चाहिए, ताकि आमजन को राहत मिल सके और जलापूर्ति में सुधार हो सके।

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