धर्मनिष्ठ श्राविका शकुंतला देवी का संथारा सिझा – 4 बजे गुनानुवाद सभा का होगा आयोजन
पेटलावद/झाबुआ। पुण्य पुंज पुण्ययशीलाजी के चातुर्मास काल में अपने भव की सार्थकता को सिद्ध करते हुए धर्मनिष्ठ सुश्राविका श्रीमती शकुंतला देवी सुरेशजी मुथा ने जिन धर्म के सर्वोच्च मनोरथ को अपनाते हुए 16 जुलाई 2022 को संथारा ग्रहण कर अपने अंतिम लक्ष्य को पा लिया। उनका संथारा आज प्रातः 6 बजे सिझने के समाचार अविरल गति से जैन जगत में फैल गए। समग्र जैन संगठनों द्वारा देवगामी आत्मा के लिए शीघ्र मोक्ष की कामना व्यक्त करते हुए परिजनों के उत्कृष्ट भावों के प्रति संवेदना व्यक्त की। उल्लेखनीय है कि पंडित मरण को प्राप्त आत्मा के सुपुत्र ख्याति प्राप्त पत्रकार होकर थांदला में उनकी माता के नाम से स्थापित शकुंतला महाविद्यालय के डायरेक्टर है। वही उनके परिवार में उनकी सुपुत्री मोनिका है। परिवार में वे राजकुमार की भाभीसा एवं काव्य कार्तिक श्लोक कियान की दादीसा, अजीत कीर्तिश आशीष उज्जवल उमंग के काकीसा, प्रथा वैभवी की नानीजी लगती है।
उनकी अंतिम डोल यात्रा निज निवास माधव कॉलोनी से आज दोपहर 1:00 बजे निकलेगी। वही उनकी याद एवं अंतिम मनोरथ सिद्ध होने पर गुणानुवाद सभा का आयोजन आज दोपहर दोपहर 4:00 बजे किया जाएगा।

प्रधान संपादक
पत्रकार – 30 वर्षों से निरंतर सक्रिय होकर – नेशनल न्यूज के मैनेजिंग डायरेक्टर, सोशल मीडिया फाउण्डेशन के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी है। आप वर्तमान समय में प्रदेश की सकारात्मक पत्रकारिता करते हुए शासन प्रशासन के तीखे आलोचक बनकर जनता की मूलभूत समस्याओं को प्राथमिकता से उठाते हुए उसका निराकारण करवाने के लिए प्रतिबद्ध है। जीवदया अभियान के राष्ट्रीय संयोजक होकर समाजसेवा में रुचि रखते है।