धर्मनिष्ठ सुश्राविका संघमाता श्रीमती रोशनबाई स्व. जीतमल लुक्कड़ का देवलोक गमन

धर्मनिष्ठ सुश्राविका संघमाता श्रीमती रोशनबाई स्व. जीतमल लुक्कड़ का देवलोक गमन

परिवार, समाज और नगर की संस्थाओं को अपूरणीय क्षति : चंद्रप्रकाश ओस्तवाल

समाज की हर संस्था में दान देने में अग्रणी थीं : धर्मचंद चपड़ोत

जावरा (राजकुमार हरण) – श्री संघ के वरिष्ठ स्तंभ, धर्मनिष्ठ सुश्रावक स्व. जीतमल जी लुक्कड़ की धर्मपत्नी एवं श्री राजेन्द्र जैन महिला मंडल की पूर्व अध्यक्ष, सुश्राविका संघमाता श्रीमती रोशनबाई लुक्कड़ के देवलोक गमन से संपूर्ण समाज शोकाकुल है। 98 वर्षीय श्रीमती रोशनबाई अपने धार्मिक आचरण और समाजसेवा के लिए जानी जाती थीं। उनके निधन से परिवार के साथ ही समाज और नगर की कई संस्थाओं को अपूरणीय क्षति हुई है।

परिवार और समाज में उनका योगदान: स्व. रोशनबाई लुक्कड़ स्व. कालुराम लुक्कड़ और स्व. राजमल लुक्कड़ की भाभी थीं। वे मदनलाल, सुरेशचंद नवाब, अजय कुमार की काकीसा एवं विजयकुमार, प्रदीपकुमार की बड़ी माताजी थीं। इसके अलावा, वे स्व. सुभाषचंद्र लुक्कड़, जावरा श्री संघ के पूर्व अध्यक्ष अशोक लुक्कड़ एवं अनिल लुक्कड़ की पूजनीय माता थीं। उनका जीवन समाज और परिवार के उत्थान के लिए समर्पित रहा।

अंतिम यात्रा एवं श्रद्धांजलि: शनिवार को उनकी अंतिम यात्रा उनके निवास स्थान, पहाड़िया रोड से निकली और आनंदी हनुमान मंदिर पर अंतिम संस्कार संपन्न हुआ। मुखाग्नि उनके पुत्र सुरेशचंद, अशोक कुमार, अनिल कुमार के साथ पौत्र नितिन, राजीव, अंकित, रौनक, दीपक एवं परपौत्र जय, हीरव, अनंत, वासु, विहान ने दी।

शांतिवन में बड़ी संख्या में समाजजन उनकी श्रद्धांजलि सभा में उपस्थित रहे। इस अवसर पर श्रद्धांजलि सभा का संचालन अजीत चत्तर ने किया, वहीं समाज एवं नगर की विभिन्न संस्थाओं ने भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। श्रीमती रोशनबाई लुक्कड़ का समाज के प्रति समर्पण और सेवा हमेशा याद रखी जाएगी।

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